मनेंद्रगढ़।
जिले का आबकारी विभाग इन दिनों अपने मनमाने कारनामों को लेकर सवालों के घेरे में है। आरोप है कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी अवैध शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के बजाय आम गरीब और आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को परेशान करने में जुटे हैं।सूत्र बताते हैं कि आबकारी एक्ट के नाम पर लोगों को जबरन फंसाने की कोशिश की जाती है और पैसा न देने पर उन्हें कार्रवाई का शिकार बना दिया जाता है। हाल ही में आबकारी उड़नदस्ता टीम की कार्यवाही के दौरान 40 हजार रुपए की वसूली का मामला सामने आया है।विभागीय कार्रवाई का यह तरीका सवाल खड़े कर रहा है कि आखिर बड़े कारोबारी और संरक्षित अवैध शराब माफिया क्यों बचे हुए हैं, जबकि बेगुनाह आदिवासी परिवारों पर शिकंजा कसा जा रहा है।सूत्रों का दावा है कि मनेंद्रगढ़ में बैठे जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी कमीशन के खेल से अवैध शराब कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं। आम लोगों से जबरन वसूली हो रही है और विभाग के बड़े अधिकारी इस पर चुप्पी साधे बैठे हैं।लगातार बढ़ती शिकायतें अब कमिश्नर तक पहुंच गई हैं, ऐसे में देखना होगा कि आबकारी विभाग की इस कथित वसूली और मनमानी पर उच्च स्तर से कोई कार्रवाई होती है या नहीं।