मनेंद्रगढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मनेंद्रगढ़ द्वारा संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर नगर में भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती मंदिर से हुआ। स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में पंक्तिबद्ध होकर अनुशासन, एकता और राष्ट्रनिष्ठा का परिचय देते हुए नगर के प्रमुख मार्गों से संचलन करते हुए श्री राम मंदिर मैदान पहुँचे।
मार्ग में नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” और “जय श्रीराम” के उद्घोष से नगर का वातावरण देशभक्ति से गुंजायमान रहा।
मुख्य अतिथि एस. के. शर्मा (पूर्व प्राचार्य, मनेंद्रगढ़)
ने कहा “संघ व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहा है। एक स्वयंसेवक जब अपने जीवन में सेवा, अनुशासन और संगठन के भाव को धारण करता है, तब समाज में सशक्त परिवर्तन स्वतः होता है। आने वाला शताब्दी काल राष्ट्र के उत्थान और विश्व में भारत के नेतृत्व का काल होगा।”
विभाग प्रमुख (धर्मजागरण) दीपक राम ने अपने उद्बोधन में कहा — “भारत की पहचान उसके धर्म, संस्कृति और संस्कारों से है। धर्मजागरण का अर्थ है — प्रत्येक व्यक्ति में निहित कर्तव्य भावना को जागृत करना। यदि हम अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक रहेंगे, तो कोई भी शक्ति हमें विभाजित नहीं कर सकती।”
प्रांत परियोजना प्रमुख (ग्राम जागरण प्रकल्प) शंकरदयाल साव, कोरबा ने कहा कि “गांव भारत की आत्मा हैं। ग्राम जागरण के माध्यम से संघ यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रत्येक गांव आत्मनिर्भर, संगठित और संस्कारित बने। ग्रामोदय से राष्ट्रोदय का जो मार्ग संघ ने दिखाया है, वही भारत को विश्वगुरु बनाने का पथ है।”
कार्यक्रम में नीरज अग्रवाल, ठाकुर प्रसाद केसरी, रामचरित द्विवेदी, राहुल सिंह,धर्मेंद्र पटवा,आकाश दुआ, आशीष मजूमदार, विवेक अग्रवाल, ज्ञानेश केशरवानी,अनिल मित्तल समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक, गणवेशधारी विद्यार्थी, वरिष्ठ नागरिक और नगरवासी उपस्थित रहे।