“थाने में बेहोश छोड़ने से लेकर पत्रकार को थप्पड़ मारने तक… सट्टा, जुआ और नशे के कारोबार का खुला खेल, सवाल – कमीशन किसकी जेब में?”
मनेन्द्रगढ़ सिटी कोतवाली इन दिनों न्याय के मंदिर नहीं, धमकी और दलाली के अड्डे में बदल चुकी है। FIR दर्ज कराने पहुँचे अमर यादव को थाने के अंदर मारपीट, चाकूबाजी और बेहोशी की हालत में छोड़ दिया गया। रिपोर्ट लिखने के बजाय पीड़ित को अपराधी की तरह पूरे शहर में गाड़ी में बैठाकर घुमाया गया।पीछे का चेहरा — कुख्यात अमन उर्फ ‘बूटाई’ बिरयानी-नमक गैंग। 20 से ज्यादा आपराधिक रिकॉर्ड, जिला बदर आदेश, फिर भी पुलिस के संरक्षण में खुलेआम घूम रहा है।पुराने पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से एक व्यक्ति ने साजिशपूर्वक गाड़ी की चाबी चुरा ली। चाबी लेने पहुँचे तो कथित शराबी ऋषि शर्मा ने गाली-गलौज और कॉलर पकड़कर हमला किया।थाने में इंसाफ = गुनाह डीओ में 3 घंटे तक शिकायत दर्ज नहीं हुई। बाहर निकलते वक्त मुंशी लाल सिंह ने मौके पर मौजूद पत्रकार को थप्पड़ जड़ दिया —जिसका वीडियो मौजूद है। कप्तान चंद्रमोहन सिंह के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं, उल्टा पत्रकार को धमकाया गया और रिपोर्ट दर्ज करने की धमकी दी।
इस बीच, शहर में जुआ, सट्टा, कबाड़, इंजेक्शन, गांजा और अवैध शराब का धंधा खुलेआम चल रहा है। जनता पूछ रही है —”ये काला कारोबार किसके संरक्षण में, और कमीशन किसके पास?”सूत्रों के अनुसार, थाने में पदस्थ मुंशी रमेश मौर्या, मारपीट करने वाला लाल सिंह और प्रीतम सिंह मनीष तिवारी,, माजा नामक पुलिस स्टाप की हरकतों से पत्रकारिता जगत में गुस्सा, आक्रोश और शोक की लहर है।
यह सिर्फ एक शिकायत नहीं — यह मनेन्द्रगढ़ में कानून के बिकने और अपराध के पनपने का खुला सबूत है।
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