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बड़ी खबर : उजड़ते जंगल की कहानी — वन माफियाओं का कहर, विभाग की चुप्पी!

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मनेंद्रगढ़/बिहारपुर।

मनेंद्रगढ़ वन मंडल के बिहारपुर वन परिक्षेत्र में जंगल की हरियाली पर लगातार खतरा मंडरा रहा है। बसेर जंगल में धड़ल्ले से हो रही अवैध लकड़ी कटाई और तस्करी ने क्षेत्र की पारिस्थितिकी को गंभीर खतरे में डाल दिया है। वन माफिया खुलेआम पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, लेकिन विभागीय अमला पूरी तरह मौन बना हुआ है।

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, कई बार अवैध गतिविधियों की सूचना वन विभाग को दी गई, पर कार्रवाई के नाम पर महज़ खानापूर्ति की गई। क्षेत्रीय वन अधिकारी (रेंजर) पर गंभीर आरोप लगते हुए लोगों का कहना है कि उन्हें जंगल से कोई सरोकार नहीं, उनका सारा ध्यान नर्सरी में बैठे हुए कमीशन पर केंद्रित है।

वन विभाग की इस उदासीनता से माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। बसेर जंगल में प्रतिदिन की जा रही अवैध कटाई से हजारों कीमती पेड़ जड़ से गायब हो चुके हैं। तस्करों द्वारा लकड़ियों को रात के अंधेरे में ट्रैक्टर, पिकअप और साइकल के माध्यम से बाहर ले जाया जा रहा है।

प्रश्न उठते हैं –

क्या वन विभाग की ये चुप्पी मिलीभगत का संकेत है?

आखिर क्यों नहीं हो रही तस्करों पर सख्त कार्रवाई?

कब तक उजड़ते रहेंगे हमारे जंगल?

सरकार और उच्चाधिकारियों से मांग है कि:

बिहारपुर परिक्षेत्र में विशेष जांच दल गठित किया जाए।

जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

अवैध कटाई रोकने के लिए गश्त बढ़ाई जाए और ग्रामीणों की शिकायतों पर तत्काल संज्ञान लिया जाए।

अगर अब भी नहीं चेता गया, तो आने वाले समय में यह क्षेत्र पेड़विहीन हो जाएगा, और साथ ही जलवायु संतुलन, वन्यजीव, और स्थानीय आजीविका पर भारी असर पड़ेगा।

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