क्राइम किलर न्यूज।छत्तीसगढ़।
मनेंद्रगढ़ वन मंडल में अफसरशाही चरम पर
मनेंद्रगढ़ वन मंडल में वन विभाग के नियमों की सरेआम अवहेलना हो रही है। नियमों के मुताबिक जहां अनुभवी और पूर्णकालिक रेंजरों की नियुक्ति होनी चाहिए, वहां डिप्टी रेंजरों को प्रभार सौंपा जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो विभाग के भीतर ट्रांसफर और पोस्टिंग एक तरह का व्यापार बन चुका है। मनचाही जगह पर पदस्थापना के लिए लाखों रुपये की “खुशनुमारी” यानी घूस की चर्चा तेज है।अभी हालही में निकले ट्रांसफर लिस्ट ने खड़े किए कई सवाल।
वन विभाग का यह रवैया ना सिर्फ विभागीय अनुशासन को तोड़ता है बल्कि इससे भ्रष्टाचार को भी खुला बढ़ावा मिल रहा है।
प्रश्न यह उठता है –
क्या मनेंद्रगढ़ वन मंडल में योग्य रेंजरों की कमी है या फिर यह पूरा खेल “सेटिंग और गेटिंग” का हिस्सा है?
डीएफओ मनीष कश्यप को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं –
क्या वे नियमों से ऊपर हैं?
या फिर वे भी भ्रष्टाचार की इस चुपचाप बहती धारा में शामिल हैं?
अब जनता और ईमानदार अधिकारियों को चाहिए कि इस मुद्दे को गंभीरता से लें और सरकार से पारदर्शी जांच की मांग करें।