मनेंद्रगढ़। स्वास्थ्य व्यवस्था में गहराई से जड़ें जमा चुकी अनियमितताओं को लेकर अधिवक्ता राम नरेश पटेल ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) का प्रभार RMA (Rural Medical Assistant) जैसे अयोग्य व्यक्तियों को सौंपा जा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
राम नरेश पटेल का कहना है कि यह निर्णय न केवल चिकित्सा मानकों के खिलाफ है, बल्कि आम लोगों की जान से खिलवाड़ भी है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि RMAs से तुरंत PHC का प्रभार वापस लिया जाए और इस जिम्मेदारी को योग्य MBBS डॉक्टरों को सौंपा जाए।
इतना ही नहीं, अधिवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कई MBBS डॉक्टर गलत तरीके से प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर रहे हैं, जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। उनके अनुसार, जिन इलाकों को दूरस्थ या कठिन माना गया है, वहां सेवा देने के नाम पर डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है, लेकिन हकीकत में वे इन स्थानों पर उपस्थित ही नहीं रहते।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री के ही विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जहां स्वास्थ्य सेवाएं लचर और बदहाल हालत में हैं। यह स्थिति शासन की प्राथमिकता में स्वास्थ्य सेवा की हकीकत को उजागर करती है।
राम नरेश पटेल ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि आम जनता का भरोसा स्वास्थ्य व्यवस्था पर बना रहे।
> अब सवाल यह उठता है कि— क्या स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर प्रकरण पर कोई कार्रवाई करेगा? और क्या दोषियों को संरक्षण देने का खेल यूं ही चलता रहेगा?