खनिज विभाग के नोटिस से मचा हड़कंप, प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर उठे सवाल किंतु अभी तक कोई पारदर्शिता नहीं।
छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ वनमंडल में रॉयल्टी चोरी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। खनिज विभाग द्वारा जारी नोटिस के बाद इस चोरी का खुलासा हुआ, जिसमें हैरान करने वाली बात यह है कि शासन की ही एक इकाई ने शासन को ही चूना लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनेंद्रगढ़ वनमंडल द्वारा गौण खनिज अधिनियम का उल्लंघन करते हुए बिना वैध रॉयल्टी अदा किए खनिज का परिवहन किया गया। खनिज विभाग ने इस पर संज्ञान लेते हुए वन विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इस पूरे मामले ने प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे बिना जांच-पड़ताल और वैधानिक प्रक्रिया के खनिज सामग्री का उठाव हुआ? प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारी पर भी अब सवाल उठाए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार यह मामला केवल लापरवाही का नहीं, बल्कि संभावित मिलीभगत का हो सकता है। यदि शासन की ही एजेंसियां नियमों की अनदेखी कर खनिज का दोहन करेंगी, तो फिर निजी क्षेत्र पर नियंत्रण कैसे स्थापित होगा?
प्रमुख बिंदु:
गौण खनिज अधिनियम के उल्लंघन का मामला
खनिज विभाग ने वन विभाग मनेंद्रगढ़ को जारी किया नोटिस
बिना रॉयल्टी अदा किए किया गया खनिज का उपयोग
प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी पर उठे सवाल
इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच आवश्यक है, ताकि शासन की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके और भविष्य में ऐसी चोरी को रोका जा सके।