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वन कर्मचारियों के संघर्ष को मिला आधिकारिक मंच:शासन ने दी पत्राचार की मान्यता।

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रायपुर/मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ के वन कर्मचारियों के लिए यह बड़ी उपलब्धि और गौरव का क्षण है। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ (पंजीयन क्रमांक 206) को राज्य शासन से पत्राचार की औपचारिक मान्यता प्राप्त हो गई है। यह मान्यता छत्तीसगढ़ शासकीय सेवक (सेवा संघ) नियम 2025 के अंतर्गत दी गई है, जिससे संगठन को न केवल शासन स्तर पर कर्मचारी हितों के मुद्दे उठाने का अधिकार मिलेगा, बल्कि विभिन्न प्रशासनिक बैठकों में भागीदारी का भी अवसर मिलेगा। प्रदेश महामंत्री तरुण रजक ने जानकारी दी कि यह मान्यता संगठन के लिए केवल दस्तावेज़ी नहीं, बल्कि कर्मचारियों की वर्षों से लंबित न्यायोचित मांगों को शासन स्तर पर प्रभावशाली ढंग से रखने का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश अध्यक्ष अजीत दुबे की दूरदर्शी नेतृत्व और संगठन के प्रति समर्पण का परिणाम है कि पूरे प्रदेश में कर्मचारियों में संगठन के प्रति विश्वास और जुड़ाव बढ़ा है।

केवल 3 संगठनों को मिली है यह ऐतिहासिक मान्यता

प्राप्त पत्र के अनुसार, पूरे छत्तीसगढ़ में लगभग 126 संगठनों में से केवल 3 संगठनों को ही यह विशेष पत्राचार मान्यता प्राप्त हुई है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ को राज्य के सबसे प्रभावी कर्मचारी संगठनों में एक मजबूत स्थान दिलाती है। 4 अक्टूबर 2027 तक मान्यता प्राप्त इन संगठनों को शासन द्वारा शासकीय पत्राचार, कर्मचारी कल्याण संबंधित बैठकें, समस्याओं के समाधान हेतु वार्ता में प्रतिनिधित्व का अधिकार रहेगा।

MCB जिले से भी उमड़ा उत्साह

शासन से मान्यता मिलने पर MCB जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह, सोनू सिंह, रामायण तिवारी, इंद्र कुमार बंजारे, मनोज सेन, देव सिंह सहित कई वन कर्मचारियों ने संगठन की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया और इसे कर्मचारियों के हितों के संघर्ष में एक मजबूत पड़ाव बताया।

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