*सामाजिक न्याय,समानता और संवेदना के प्रतीक हैं राहुल गांधी – अजय*
pradeep patwa
June 19, 2025
अंतराष्ट्रीय, अन्य, अन्य राज्य, ई-पेपर, खेल जगत, छत्तीसगढ़, दुर्ग संभाग, धर्म, बस्तर संभाग, बिजनेस, बिलासपुर संभाग, मध्यप्रदेश, राजनीति, रायपुर संभाग, राष्ट्रीय, विज्ञानं, वीडियो, संपादकीय, सरगुजा संभाग
17 Views
पूर्व नेता प्रतिपक्ष व चुरहट विधायक अजय सिंह राहुल ने कहा है कि श्री राहुल गांधी सच्चाई,संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के लिए अनवरत संघर्ष कर रहे हैं। श्री गांधी के जन्मदिन पर कोटिशः शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि वे भविष्य की आशा है।

Crime killer news चुरहट विधायक ने आगे कहा कि राहुल गांधी केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय,समानता और संवेदना की प्रतीक हैं। उनका जीवन प्रेरणा देता है कि राजनीति का असली मकसद आमजन की सेवा और वंचितों की आवाज़ बनना है। कांग्रेस पार्टी उन्हीं मूल्यों को आत्मसात कर रही है।सिंह ने आगे कहा कि तानाशाही, नफरत और विभाजन के इस खतरनाक दौर में मोहब्बत और एकता का परचम लहराने वाले राहुल गांधी जी वही शख्सियत हैं जिनकी रग रग में हिंदुस्तान बसता है। ये वही राहुल गांधी जिनके सच की ताकत से अंहकारी सत्ता के तिलिस्म को टूटते हुए देखना लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर नागरिक की उम्मीद है।तानाशाह सरकार के हरसंभव जुल्म का जवाब लोकतांत्रिक भाषा में देना कोई राहुल से सीखे। शायद यही कारण है कि बीजेपी और आरएसएस को वे सबसे ज्यादा चुभते हैं।अंधेरी काली रात के बाद जैसे सूरज की किरणें हर रोज एक नए उजाले के साथ आती है, उसी जज्बें के साथ इस शख्स ने हिन्दुस्तान को मोहब्बत के रेशमी धागे से जोड़ा है।अपनी कोशिश और जुनून से दुनिया को हिंदुस्तान की नई तस्वीर दिखाई। वो तस्वीर जहां के लोग अमन चाहते हैं,जहां के लोगों के दिलों में नफरत नहीं मोहब्बत की महक है।करीब तीन साल पहले जब भ्रष्टाचार, तानाशाही से जूझ रहे इस देश ने भविष्य की उम्मीद लगभग त्याग दी थी, उस कठिन समय में राहुल की सक्रियता ने देश को आततायी शक्तियों से लड़ने के लिए साहस दिया, चलने के लिए शक्ति दी, जूझने के लिए संबल दिया। जिसका नतीजा आज सबके सामने है।

जो सत्ता के नशे में 400 पार का नारा लगाकर लोकतंत्र को रौंदना चाहते थे, अब उनकी सरकार भी बैसाखियों के सहारे है।जो लोग संविधान बदलने और आरक्षण हटाने का दंभ भरते थे, वही लोग अब जाति जनगणना कराने पर मजबूर हो गए हैं।झूठ, षडयंत्र और पाखंड का जहर पीकर राहुल गांधी अपने संघर्ष से सियासत में मोहब्बत की इबारत लिख रहे हैं। वो सियासत जिसका धर्म सभी को उनका हक दिलाना है।