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सिंघम आरक्षक ने धारकुंडी थाना छेत्र में मचाई गंध,थाना प्रभारी की कार्यशैली पर उठने लगे सवाल…!

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क्राइम किलर न्यूज सतना । पशु तस्करी के खिलाफ पूरे मध्यप्रदेश मे विशेष अभियान चलाया गया। जिसके तहत सतना जिले में पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्यवाही भी की। लेकिन इसके कारोबार को बंद कराने में पुलिस प्रशासन सफल नहीं हुआ है। सतना जिले के सिटी धारकुण्डी थाना अंतर्गत बहुचर्चित सेमरिया से यूपी को ओर निकलने वाले बाहन के निकलने का एक ऐसा क्षेत्र है जहां रोज पशु तस्करी और गल्ले की गाड़ी से अवैध बसूली कर गाड़ियों को मध्यप्रदेश की सीमा से यूपी की ओर निकाला जाता हैँ। आला अधिकारियों की आदेश के बाद धारकुण्डी थाना छेत्र के इस अवैध कारोबार मे मजबूत दिखावटी कसावट लाने का काम जिम्मेदारी के साथ थाना प्रभारी ने किया है। लेकिन इसका कोई जमीनी असर सामने नहीं आया है।

और बीते सोमबार को कोठी पुलिस ने तीन आरोपी और 34 नग भैंसे सहित ट्रक को पकड़ा था।
आरक्षक ने पुलिस बिभाग को किया बेहाल,बेकाबू हुए हालात, सेमरिया से धारकुंडी के रास्ते रात में निकलते हैं वाहन..!
जिस गौ माता का नाम लेकर देश और प्रदेश की सरकारें राजनैतिक लाभ हासिल करने का गुणा गणित समय-समय पर सेट करती रहती हैं, उनकी हालत विंध्य क्षेत्र के रीवा और सतना जिले में जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण अति गंभीर हो गई है। डंके की चोंट पर पशु तस्करी का कारोबार दोनों जिलों में बराबर मुकम्मल किया जा रहा है। इस कारोबार ने सतना और रीवा जिले के प्रशासन और पुलिस को पूरी तरह से बेहाल कर दिया है। पशु तस्करी का सबसे बड़ा खेल सेमरिया से धारकुंडी के रास्ते रात के अंधेरे में मुकम्मल किया जाता है, पुलिस की मौजूदगी में पशुओं से भरे वाहनों को उत्तर प्रदेश की सीमा में जिम्मेदारी के साथ प्रवेश करवाया जाता है। सूत्रों ने बताया कि पशु तस्करी के खेल में धारकुंडी थाना की भूमिका पूरी तरह से संदेहास्पद नजर आती है, यहां पदस्थ एक अदना सा आरक्षक पशु तस्करों का सबसे बड़ा हितैषी साबित हो रहा है। वहीँ स्थानीय सूत्रों की माने तो सतना पुलिस की मेहनत पर पानी फेरने का काम धारकुंडी थाना में पदस्थ तथाकथित आरक्षक विकास राजपूत द्वारा बदस्तूर किया जा रहा है। निस्संदेह ऐसी स्थिति में पुलिस अधीक्षक सतना को समय रहते संज्ञान लेते हुए पशु तस्करों के चहेते पुलिस वालों को पुलिस लाइन पहुंचाना होगा, तभी इस कारोबार पर कुछ हद तक कमी आने की उम्मीद है।

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