जबलपुर जिला चिकित्सालय में सहायक ग्रेड-3 के पद पर तैनात आकाश गुप्ता पर गंभीर आरोप
जबलपुर जिला चिकित्सालय (विक्टोरिया) में सहायक ग्रेड-3 के पद पर कार्यरत कर्मचारी आकाश गुप्ता पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने और अवैध वसूली में लिप्त होने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। अखिल भारतीय इंजीनियरिंग छात्र संगठन (ईएसओ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण सिंह ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
फर्जी नियुक्ति का मामला
आकाश गुप्ता ने रिकॉर्ड कीपर के मूल पद को छिपाकर फर्जी तरीके से सहायक ग्रेड-3 (क्लर्क) के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। ग्वालियर से जबलपुर ट्रांसफर के दौरान फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर शासन को गुमराह किया गया। जबलपुर में ज्वाइनिंग के बाद यह खुलासा हुआ कि आकाश गुप्ता का मूल पद रिकॉर्ड कीपर है, न कि सहायक ग्रेड-3।
अवैध वसूली और धमकी का आरोप
शहर में आकाश गुप्ता द्वारा विभिन्न पैथोलॉजी, सोनोग्राफी सेंटरों से परमिशन देने के नाम पर लाखों रुपए की अवैध वसूली करने के आरोप लगाए गए हैं। ईएसओ इंडिया की जांच में पाया गया कि आकाश गुप्ता ने यह दावा किया कि जबलपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) भी उसकी “जेब में” हैं।
कोरोना काल में फर्जी अफसर बनकर हंगामा
कोरोना काल के दौरान आकाश गुप्ता ने फर्जी अफसर बनकर क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण करने के बहाने महिला कर्मचारियों के साथ अभद्रता की। इस घटना पर तत्कालीन सीएमएचओ ने केवल नोटिस देकर मामले को रफा-दफा कर दिया।
ईएसओ इंडिया की मांग
ईएसओ इंडिया ने इस गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच, आकाश गुप्ता के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने, कॉल डिटेल और बैंक खातों की जांच कराने, और संपत्ति की जांच लोकायुक्त से कराने की मांग की है। संगठन ने भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कड़ी कार्रवाई की अपील की है।
प्रशासन और सरकार की साख पर सवाल
इस प्रकार के भ्रष्टाचार और फर्जी नियुक्तियों से सरकार और प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। ईएसओ इंडिया ने ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक विश्वास बहाल करने की आवश्यकता जताई है।