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*भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर भाजपा कार्यालय बैकुंठपुर में कार्यक्रम आयोजित कर दी गई श्रद्धांजलि*

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बैकुंठपुर कोरिया

देश में सुशासन की कल्पना को चरितार्थ करने वाले, असंख्य भारतवासियों के प्रेरणास्त्रोत, परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्मशताब्दी पर आज भाजपा कोरिया द्वारा प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी अटल जी की जयंती को सुशाशन दिवस के रूप में जिला और मंडल स्तर पर मनाया गया । जिस तारतम्य में भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा जिला भाजपा कार्यालय बैकुंठपुर में छायाचित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया |
25 दिसम्बर पूर्व प्रधानमंत्री ,छग राज्यनिर्माता ,भारतरत्न श्रध्देय अटल बिहारी बाजपेयी जी की जयंती सुशासन दिवस के अवसर पर भाजपा विधायक भईया लाल राजवाड़े ने श्रध्देय अटल बिहारी बाजपेयी जी के सुशासन काल का उल्लेख करते हुए कहा जनसंघ से लेकर प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भारत देश की उन्नति प्रगति और विकास के लिए अटल जी ने राष्ट्र और जनहित के लिए जो कार्य किये वो हम सब के लिए अनुकरणीय है | यह समय अटल जी की जन्मशताब्दी का है | भारतीय राजनीति के युगपुरुष अटल बिहारी बाजपेयी जी प्रखर ओजस्वी वक्ता, सिद्धान्त और स्वाभिमान की राजनीति के लिए आज भी लोकप्रिय जननायक के रूप में हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत है | श्री राजवाड़े ने उनके कार्यकाल में हुए छग राज्यनिर्माण को छत्तीसगढ़ वासियों के अस्मिता और स्वाभिमान के लिए अनुकरणीय पहल बताते हुए गांव ,गरीब मजदूर किसानों के हित मे समर्पित कार्यो की जानकारी दिया और अटल जी के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया | भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल ने श्रद्धेय अटल जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा की छत्तीसगढ़वासियों को अथाह प्रेम करने वाले आदरणीय श्री अटल जी को प्रदेशवासी सदैव याद रखेंगे । अटल बिहारी वाजपेयी एक आदर्श राजनेता थे। वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके जीवन के प्रारंभिक दिनों में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर एस एस) में शामिल हुए । अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हर साल 25 दिसंबर को भारत में सुशासन दिवस मनाया जाता है। 2015 में, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके बाद, मोदी सरकार ने वाजपेयी जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों और विशेष रूप से छात्रों को सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति जागरूक करना है। इसका लक्ष्य बेहतर प्रशासनिक कार्यप्रणाली और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है । वाजपेयी जी अपने छात्र जीवन के दौरान पहली बार राजनीति में तब आए जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। आज की भारतीय जनता पार्टी को पहले जनसंघ के नाम से जाना जाता था।वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा में नौ बार और राज्यसभा में दो बार चुने गए जो कि अपने आप में ही एक कीर्तिमान है। वाजपेयी 1980 में गठित भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे । वाजपेयी जी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे। इसके अलावा विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई। परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों से बिना डरे वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 1998 में राजस्थान के पोखरण में द्वितीय परमाणु परीक्षण किया। इसकी अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को भनक तक नहीं लग पाई। अटल जी नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी रहे। अटल ही पहले विदेशमंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था । पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी में कई खूबियां थी। वे अपनी पार्टी का नेता हो या विरोधी पार्टी का, सबको साथ लेकर चलने की खूबी उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करती थी। यही कारण था कि उन्हें अजातशत्रु भी कहा जाता था । उन्हें भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया। इनके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार, सम्मान और उपाधियों से नवाजा गया। आजीवन अविवाहित रहे अटलजी को अटलजी को 2015 में सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। भाजपा में एक उदार चेहरे के रूप में उनकी पहचान थी । कार्यक्रम में बैकुंठपुर विधायक भईया लाल राजवाड़े , जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल , जिला उपाध्यक्ष लक्षण राजवाड़े , शैलेश शिवहरे , जिला महामंत्री पंकज गुप्ता , जिला संवाद प्रभारी विमलकांत गुप्ता , अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष अरशद खान , बैकुंठपुर मंडल अध्यक्ष अनिल कुमार खटीक सहित भाजपाई उपस्थित रहे ।

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