*निरंतर गोपद नदी से निकाली जा रही है अवैध रेत,,अवैध रेत पर प्रशासन की चुप्पी समझ से परे।*
सीधी/मझौली:- दरअसल यह मामला लगातार जिले में सुर्खियां बटोर रहा है जी हां हम बात कर रहे रेत उत्खनन की जो आज के समय एक बड़ी समस्या शासन प्रशासन के बीच बनी हुई है क्युकी बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के और बिना रॉयल्टी दिए राजस्व के नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है फिर भी लगातार नदियों से रेत का उत्खनन होना और प्रशासन का ध्यान इसमें न होना एक बड़े साठगांठ और भ्रष्टाचार जैसे शब्दों का मन में संदेह पैदा करता है।
*ग्रामीणों में आक्रोश और जल जमीन जंगल के अस्तित्व की लड़ाई जिले के मड़वास थाना अंतर्गत कर रहे ग्रामीण*
क्या हो जब प्रशासनिक अमला अपने आंखो में काली पट्टी लगा के कुंभकारणीय निद्रा में हो तब एसे समय में ग्रामीणों का सुनने वाला कोई नहीं हो न तो सरकार इस मुद्दे में किसी प्रकार की सुनवाई कर रहा हो और न ही संबंधित अधिकारी #खनिज विभाग #पुलिस विभाग #राजस्व अमला #वन विभाग साथ दे रहे हों तब ग्रामीणों ने आक्रोश जताया और विगत रात्रि 16 जून 2025 को टिकरी ग्राम पंचायत के डालापीपर एरिया जो गोपद नदी के किनारे स्थित है घटना स्थल पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देकर अवैध रेत उत्खनन की जानकारी दी एवं वाहनों को जप्त कराया और पुलिस को सुपुर्द किया इस सभी घटना क्रम में स्थानीय सूत्रों का कहना है की माफियाओं की सेटिंग और सांठगांठ होने के कारण किसी प्रकार की ठोस कार्यवाही नही की जाती है।
मुख्य बिंदु,,,
इस पूरी कार्यवाही में ग्रामीणों की अहम पहल रही।।
पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत मुन्ना केवट का कहना है की संबंधित व्यक्तियों के द्वारा रिजर्व फॉरेस्ट अंतर्गत गोपद नदी से बिना रॉयल्टी के हजारों गाड़ी रेत का अवैध बिक्री किया है जिसमे संबंधित को हर्जाने के तौर पर वन अधिनियम के तहत कार्यवाही हो एवं रिकवरी हो जिससे राजस्व विभाग को हानि न हो और जल संकट न बने आने वाले समय में।
अवैध खनन की कार्यवाही रिजर्व फॉरेस्ट अंतर्गत की गई है।वन अधिनियन के तहत अगर कोई जंगल में अवैध खनन वा अवैध कटाई करता है तो वाहन मालिक को बड़ी हानि वन अधिनियम के तहत वाहन राज सात भी हो सकती है।