चिरमिरी नगर निगम में ‘मास्टर माइंड’ की एंट्री! ठेकेदार और उसके सहयोगी ने मिलकर लूटा सरकारी खजाना।

फर्जी बिलिंग से लाखों की हेराफेरी, नियमों को ताक पर रखकर बांटे गए टेंडर; अधिकारी भी मौन।
चिरमिरी (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के चिरमिरी नगर पालिक निगम (MCMC) में इन दिनों भ्रष्टाचार का एक बड़ा सिंडिकेट सक्रिय है। निगम के भीतर एक प्रभावशाली ठेकेदार और उसके ‘मास्टर माइंड सहयोगी’ भाई राणा के गठजोड़ ने सरकारी खजाने को सुनियोजित तरीके से लूटना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह निगम के भीतर बिना काम किए फर्जी बिलिंग और मनमाने रेट पर टेंडर हथियाने के रैकेट को अंजाम दे रहा है।’मास्टर माइंड’ भाई राणा की एंट्री से तेज हुई लूट मिली जानकारी के अनुसार, निगम में सक्रिय इस गठजोड़ ने ठेकेदारी के काम में सभी नियमों को ताक पर रख दिया है। बताया जाता है कि ठेकेदार और उसका सहयोगी भाई राणा मिलकर हर छोटे-बड़े कार्य का प्रस्ताव तैयार करते हैं।रेट में बड़ी हेराफेरी: जिन कार्यों के लिए सामान्यतः 12,000 रुपए का टेंडर जारी होना चाहिए, उन्हीं कामों को 40 से 50 हजार रुपए की दर पर आवंटित किया जा रहा है, जिससे सरकारी राशि का सीधा नुकसान हो रहा है।फर्जी बिलिंग का खेल: आरोप है कि कई विकास कार्यों में काम की गुणवत्ता को पूरी तरह अनदेखा कर दिया गया है। कई मामलों में तो आधे-अधूरे काम के बावजूद, अधिकारियों की मिलीभगत से पूरे काम का भुगतान निकाल लिया गया है। कुछ मामलों में तो बिना काम के ही फर्जी दस्तावेज तैयार कर राशि हड़पने का गंभीर आरोप है।
अधिकारी क्यों हैं चुप?
निगम के सूत्र बताते हैं कि इस ठेकेदार और उसके मास्टर माइंड सहयोगी भाई राणा का रसूख इतना मजबूत है कि निगम के कई अधिकारी सब कुछ जानने के बावजूद चुप्पी साधे हुए हैं। यह ‘गांठ’ इतनी मजबूत है कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी इनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पाता। माना जा रहा है कि राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के चलते यह भ्रष्टाचार चिरमिरी निगम की जड़ों तक फैल चुका है।जनता और पार्षदों की मांगचिरमिरी की आम जनता और जागरूक पार्षदों ने इस ‘लुटेरे ठेकेदार’ और ‘मास्टर माइंड सहयोगी राणा के गठजोड़ पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। नागरिकों ने राज्य सरकार और उच्चाधिकारियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और एक निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने की मांग की है। जनता का कहना है कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि सरकारी धन की लूट तुरंत बंद हो सके और निगम का काम पारदर्शिता से हो।प्रशासन इस बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे पर क्या कदम उठाता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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